पर्वतीय लोकविकास समिति ने धूमधाम से मनाया 20 वाँ स्थापना दिवस,” बौड़ि ऐजा” और अनमोल सूक्तियां का लोकार्पण

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नोएडा सैक्टर 62 स्थित प्रेरणा मीडिया सेंटर में भारतीय गांवों एवं पर्वतीय क्षेत्रों के कल्याण में समर्पित संस्था पर्वतीय लोकविकास समिति का 20वां स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया गया।
समारोह का उद्घाटन दीप प्रज्ज्वलित कर सुप्रसिद्ध चिंतक,मीडिया विशेषज्ञ और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के उत्तर क्षेत्र प्रचार प्रमुख कृपा शंकर ने किया। समारोह की इस शुभारंभ बेला में आचार्य महावीर नैनवाल और डॉ.मनोज डिमरी ने वैदिक मंगलाचरण प्रस्तुत किया।

कार्यक्रम में सर्वप्रथम राष्ट्रोक्ति द्वारा प्रकाशित कवि बीर सिंह राणा के गढ़वाली काव्य संग्रह “बौड़ि ऐजा” और शीर्ष प्रशासनिक अधिकारी राजेंद्र प्रसाद द्वारा संकलित “अनमोल सूक्तियां” ग्रंथ का लोकार्पण किया गया।


कृपा शंकर ने समिति को दो दशक की सफल यात्रा पर बधाई के उपरांत कहा कि हिमालयी क्षेत्रों में सक्रिय संस्थाओं को सरकारों के माध्यम से और स्थानीय जनसहयोग से सुदूर गांवों में मातृ शक्ति को सशक्त और समर्थ बनाने का संकल्प लेना चाहिए।
समारोह के वरेण्य अतिथि हिन्दी के शीर्ष साहित्यकार और मेरठ विश्वविद्यालय के डीन प्रो. नवीन लोहनी ने कहा कि समिति के माध्यम से लोकभाषा के रचनाकारों की प्रतिभा को अवसर मिलना एक अच्छी पहल है। आज जिस गढ़वाली काव्य संग्रह का लोकार्पण हुआ है, वो देवभूमि के सरोकारों को मुखरता से व्यक्त करता है तो अनमोल सूक्तियां शिक्षा जगत और समाज के लिए भी उपयोगी और प्रासंगिक हैं।


समारोह के अतिविशिष्ट अतिथि सुप्रसिद्ध चिंतक और स्तंभकार डीयू के प्रबंधन संस्थान के पूर्व प्रमुख प्रो. लल्लन प्रसाद ने कहा कि गढ़वाली भाषा न केवल देवभूमि की संस्कृति और परंपरा को व्यक्त करती है अपितु राष्ट्रभाषा हिंदी को भी सशक्त बनाती है।
विशिष्ट अतिथि के रूप में डीआरडीओ में कार्यरत अधिकारी और वरिष्ठ कवि मनोज कामदेव ने कहा कि समिति ने आज अपने स्थापना दिवस को समाज,साहित्य,संस्कृति और प्रकृति सबका समन्वित उत्सव बना दिया है, लोकभाषा के रचनाकारों को ठोस प्रोत्साहन मिलना चाहिए।


शीर्ष समाजसेवी और पर्वतीय लोकविकास समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेंद्र दत्त सेमवाल ने समारोह में उपस्थित सभी अतिथियों और आगंतुकों का स्वागत करते हुए कहा कि हमारी समिति विगत 20 वर्षों से दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में बाल,महिला और युवा कल्याण के प्रयासों में संलग्न होने के साथ उत्तराखंड की कंडाली, पिरूल और ऐसे ही अन्य स्थानीय उत्पादों से रेशे निर्माण के प्रयासों को प्रोत्साहित कर रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा दिए मंत्र ‘वोकल फोर लोकल’ और विकसित भारत के विजन के साथ समिति समाज में सक्रिय सभी समितियों से समन्वय कर व्यापक और ठोस कार्ययोजना तैयार करेगी।


इस अवसर पर साहित्य,कला,संस्कृति,शिक्षा,
पर्यावरण और अन्य विभिन्न क्षेत्रों में सक्रिय विभूतियों को भी सम्मानित किया गया। इनमें प्रमुख हैं कवि और पत्रकार प्रदीप वेदवाल,वासुकी फाउंडेशन के प्रमुख पी.एन.शर्मा,वरिष्ठ कवि दिनेश ध्यानी,संस्कृत विद्वान डॉ. मनोज डिमरी, वरिष्ठ समाजसेवी ,कवयित्री सुषमा जुगरान,समाजसेवी शिव सिंह राणा, रमेश जोशी,घरात के संजय चौहान,वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश श्रीवास्तव, विनोद
कबटियाल,डॉ.विपिन मैखुरी,कवयित्री बीना नयाल,श्रीमती ममता राणा और ….शर्मा आदि प्रमुख हैं।


बड़ी संख्या में उपस्थित लोगों के बीच महिला मंडली बहुत मनमोहक वसंत, फाग और होली के गीत एवं कविताएं प्रस्तुत कीं। समिति के संयोजक प्रो.सूर्य प्रकाश सेमवाल ने पर्वतीय लोकविकास समिति की दो दशक की गौरवमय यात्रा का वृत्त प्रस्तुत करते हुए कहा कि आज देशभर में समिति की विभिन्न प्रांतों में राज्यस्तरीय कार्यकारिणी हैं और उत्तराखंड,हिमाचल,उत्तर प्रदेश लद्दाख और त्रिपुरा में शीघ्र छोटे प्रोजेक्ट प्रारंभ किए जायेंगे । दो दशक की समिति की कार्य उपलब्धियों पर समिति हिम उत्तरायणी नामक स्मारिका प्रकाशित कर रही है,जिसे भारतीय नववर्ष के अवसर पर लोकार्पित किया जायेगा।


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