ऋषिकेश: उत्तराखंड के लाल और देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत की हेलीकॉप्टर हादसे में हुई दर्दनाक मौत ने पूरे प्रदेश ही नहीं बल्कि देश को एक गहरा सदमा दिया है. ऐसे में पूरे देश ने अपने अपने तरीके से जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और हादसे में शहीद हुए सभी जवानों को अपने-अपने तरीके से श्रद्धांजलि अर्पित की है.
ऋषिकेश की रहने वाली श्रीमती हिमांशु शर्मा ने अपनी कविता के माध्यम से हादसे में शहीद हुए सीडीएस सहित तमाम शहीदों को श्रद्धांजलि दी है. जिसे पढ़कर आज हर कोई शहीदों को नमन कर रहा है.
श्रद्धांजलि……
कितने गहरे जख्म, यह साल जाते-जाते दे गया।।
सच्चे देशभक्त – वीर सपूतों को, अपने साथ ले गया।।
देख शहादत वीरों की, समूचे राष्ट्र की आंख हुई रोई।।
अचानक ऐसी दर्दनाक मौत पर, स्तब्ध है हर कोई।।
जुबां खामोश है और दर्द से, सब की आंखें नम है।।
नजरें जहां-जहां भी जाती, पसरा मातम ही मातम है।।
जिनके मजबूत कंधों पर, पूरे देश का भार था।।
आज उन्हें कांधों पर देख, पूरा देश लाचार था।।
जिनकी एक हुंकार पर, दुश्मन भी पानी भरते थे।।
सुनकर पैरों की पदचाप, वे बिल से नहीं निकलते थे।।
करके सर्जिकल स्ट्राइक दुश्मन को, घर में घुसकर मारा था।।
जब तक दुश्मन की समझ में आता, तब तक काम तमाम कर दिया सारा था।।
रावत दंपत्ति ने प्यार की, यह कैसी मिसाल कायम कर दी।।
साथ जिएंगे साथ मरेंगे, यह कहावत ही चरितार्थ कर दी।।
शादी से लेकर मौत तक, वे दोनों हमेशा साथ थे।
शायद दिल की पक्की डोर से, जुड़े उन दोनों के जज्बात थे।।
ओ जाने वालों हो सके तो, फिर से इसी जमीन पर लौट के आना।
तुम्हारी इस शहदत को, युगों युगों तक याद करेगा जमाना।।
मेरी यही दुआ है रब से, वे जल्दी सबको दुख से उबारे।
हिम्मत दे उन सबके घर में, जिनके शहीद हुए सहारे।।
सबका नाम स्वर्णिम अक्षरों में, इतिहास के पन्नों में लिखा जाएगा।
जब बात चलेगी जांबाजों की, तब उत्तराखंड के सीडीएस बिपिन रावत का नाम, सबसे पहले आएगा।।
जनरल रावत की यादों में, मत कोई स्मारक बनाना।
बस उनके पद चिन्हों पर चलकर, सम्मान के सच्चे श्रद्धा सुमन चढ़ाना।।