देहरादून: एक ओर सुप्रीम कोर्ट में समलैंगिक विवाह (सेम सेक्स मैरिज) के मसले पर सुनवाई चल रही है. कोई इसका सपोर्ट कर रहा है, तो कोई इस फैसले को लेकर विरोध जता रहा है. इसी कड़ी में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी ने समलैंगिक विवाह विषय पर शैक्षिक संस्थाओं के साथ चिंतन किया. इस दौरान उन्होंने इस प्रकार के विवाह को समाज और परंपरा के विरुद्ध बताया है.
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष ने इस विषय पर कहा कि अब कॉलेज और स्कूलों में जागरूकता अभियान चलाकर बच्चों को जैविक प्रजनन के बारे में अवगत कराया जाएगा. अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष ने समलैंगिक विवाह को भारत की संस्कृति और परंपरा के विरुद्ध बताते हुए इसे समाज के लिए शर्मसार बताया है.
जानें क्या है मामला
दरअसल समलैंगिक विवाह को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका के आधार पर सुनवाई हो रही है. जिसके बाद से सोशल मीडिया और देशभर में यह एक चिंतन का विषय बना हुआ है. जहां एलजीबीटी सहित कई संस्थान द्वारा इसका समर्थन किया जा रहा है. वहीं धार्मिक मान्यताओं से जोड़कर इसे समाज के लिए गलत बताया जा रहा है.