देहरादून: उत्तराखंड के जीएसटी विभाग द्वारा दिए गए विज्ञापनों पर फिर एक बार विवाद खड़ा हो गया है. दरअसल जीएसटी विभाग द्वारा बीते रोज कुछ न्यूज़ पोर्टलों को मनमाने तरीक़े से ‘बिल लाओ इनाम पाओ’ की स्कीम के तहत विज्ञापन जारी किए गए हैं. जिसको लेकर प्रदेश के कई पत्रकारों में नाराजगी है. जिसकी शिकायत उन्होंने मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल और मुख्यमंत्री से करने की बात कही है.
कुछ पत्रकारों का कहना है कि जीएसटी विभाग में कुछ लोग सांठगांठ कर अपने चाहतों को विज्ञापन दिलाने का काम कर रहे हैं. जिसकी वजह से जमीनी पत्रकारों को उनका हक नहीं मिल पा रहा है. बताया जा रहा है कि विज्ञापनों की जो लिस्ट निकल गई है यह आखिरी लिस्ट है, क्योंकि इसके बाद लोकसभा की आचार संहिता लग जाएगी. ऐसे में कई महीनों से इंतजार में बैठे पत्रकारों के साथ जीएसटी विभाग ने धोखा किया है. पत्रकारों का कहना है कि आखिर किस आधार पर विभाग के अधिकारियों ने कुछ लोगों को विज्ञापन दिए हैं और कुछ लोगों को विज्ञापन नहीं दिए.
हालांकि जब अपर आयुक्त राज्य कर अमित गुप्ता से इस धांधली के बारे में पूछने के लिए संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया. अब देखने वाली बात होगी कि क्या जीएसटी विभाग अपनी भूल सुधार कर अन्य पत्रकारों को भी विज्ञापन देता है या फिर नहीं.